अमेरिका में लगातार मंदी का दौर छाया हुआ है

जो बाईडेन लग रहा है नहीं संभाल पा रहे अमेरिका की इकोनामी. अमेरिका में लगातार मंदी का दौर छाया हुआ है. पहली तिमाही में गिरावट के बाद लगातार दूसरी तिमाही में शून्य से नीचे रहा विकास दर. अब इसका असर भारत और अन्य देश पर क्या होगा. अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर अब मंदी के खतरे की बात होने लगी है. तकनीकी तौर पर देखा जाए तो या मंदी का स्पष्ट संकेत है. मार्च तिमाही में अमेरिका की विकास दर शून्य से 1.6% नीचे थी. यहां उपभोक्ता महंगाई 42 साल के शीर्ष पर है. जो जून में 9.1 प्रतिशत रही फेडरल रिजर्व ने इस सप्ताह 0.75 ब्याज दर पर बढ़ोतरी करी है.

अमेरिका के सूत्रों से पता चला कि जून तिमाही में विकास दर शून्य से 0.90 है. इससे पहले मार्च तिमाही में अमेरिका की विकास दर शून्य से 1.60. ऐसे में अमेरिका अर्थव्यवस्था अब अनऑफिशियली मंदी में प्रवेश कर चुका है. हालांकि आधिकारिक तौर पर मंदी का फैसला एक गैर सरकारी संगठन नेशनल ब्यूरो आफ इकोनामिक रिसर्च करता है, जिसे 8 सदस्य सभी फैक्टर और आंकड़ों को देखने के बाद की घोषणा करते हैं. अमेरिका की सचिव ने कहा आप हर महीने 4lakh  से ज्यादा नौकरियां पैदा कर रहे हो तो या मंदी नहीं है. हालांकि लगातार दो तिमाही में विकास दर को तकनीकी तौर पर माना जाता है परंतु अमेरिका के लोग मानते हैं कि अमेरिका में मंदी आ गई है.