कजाखस्‍तान में गृहयुद्ध जैसे हालात,रूसी सेना ने संभाला मोर्चा

कजाखस्‍तान में हालात बहुत खराब हो गए हैं और वहां जारी हिंसा में अब तक 48 लोग मारे गए हैं और 1000 लोग घायल हो गए हैं। रूस ने हालात को संभालने के लिए यहां अपने सैनिकों को भेजा है।तेल समृद्ध कजाखस्‍तान में गृहयुद्ध जैसे हालात हो गए हैं और दंगाई पुलिसकर्मियों की गला काटकर हत्‍या कर दे रहे हैं। वहीं पुलिसवाले भी प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसा रहे हैं। अब तक कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई है। इसमें कम से कम 18 पुलिसवाले शामिल हैं। देश के सबसे बड़े शहर और आर्थिक गतिविधियों के केंद्र अलमाती में हिंसात्‍मक प्रदर्शनों का दौर जारी है। राष्‍ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव ने प्रदर्शनकारियों को जोरदार कार्रवाई की चेतावनी दी है।
इससे एक दिन पहले वे राष्ट्रपति भवन और महापौर के दफ्तर में घुस गए थे। राजधानी नूर सुल्तान में शांति बताई जाती है। रूस की ‘स्पूतनिक’ समाचार सेवा ने खबर दी है कि शहर में पुलिस कर्मियों को करीब 200 लोगों की भीड़ ने घेर लिया था जिसके बाद उन्हें गोली चलानी पड़ी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, अब तक दो हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस की प्रवक्ता सल्तनत अज़ीरबेक ने सरकारी समाचार चैनल ‘खबर-24’ से बातचीत करते हुए कहा कि बुधवार को कई हमलावरों को ढेर किया गया है।

एलपीजी का इस्तेमाल व्यापक तौर पर वाहन ईंधन के तौर पर किया जाता है। प्रदर्शन की तीव्रता देश में व्यापक असंतोष की ओर संकेत है। देश में 1991 में सोवियत संघ से आजादी मिलने के बाद से एक ही पार्टी की सरकार है। सरकार ने आर्थिक मुद्दों का निदान करने की कोशिश के तहत गुरुवार को वाहन ईंधन पर 180 दिन की मूल्य सीमा और उपयोगिता दरों को बढ़ाने पर रोक का ऐलान किया। राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव प्रदर्शनों को शांत करने की कोशिश में हैं। उन्होंने सरकार के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और वहीं अशांति कुचलने का संकल्प लिया है। उन्होंने अशांति के लिए आतंकवादी समूह को जिम्मेदार ठहराया है।

अलमाती और एक अन्य शहर में हवाई अड्डे को बंद कर दिया है। रूस के नेतृत्व वाले गठबंधन ‘सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन’ (सीएसटीओ) ने गुरुवार को कहा कि वह राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव के अनुरोध पर कजाखस्तान में शांति सैनिक भेजेगा। कजाखस्तान की उत्तरी सीमा रूस से तो पूर्वी सीमा चीन से लगती है। सीएसटीओ के मुताबिक, रूस की सेना अब कजाखस्‍तान पहुंच चुकी है। सीएसटीओ के एक सदस्य देश किर्गिस्तान के राष्ट्रपति के प्रवक्ता एरबोल सुतनबाएव ने कहा कि उनके देश की सेना संसद की मंजूरी के बाद जाएगी और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई नहीं करेगी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने गुरुवार को इस बात से इनकार किया कि चीन मौजूदा संकट में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि कजाखस्तान में जो भी हो रहा है, उसका आंतरिक मामला है और वह इसे उचित तरीके से हल कर सकता है।