गन रखने को मौलिक अधिकार बताया USA की सुप्रीम कोर्ट ने, Joe Biden हुए खफा

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने जो बिडेन प्रशासन को एक बहुत ही बड़ा झटका दे दिया है, गन रखने को उन्होंने लोगों का मौलिक अधिकार बता दिया है.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सदी से भी अधिक समय पहले बनाए गए न्यूयॉर्क गन कानून को रद्द कर दिया है. उस कानून के तहत लोग घर के बाहर बगैर लाइसेंस हथियार नहीं ले जा सकते थे. यह गन अधिकारियों के लिहाज से बड़ी व्यवस्था है. कोर्ट के न्यायाधीशों का फैसला 6-3 के मत विभाजन के आधार पर आया है.

अमेरिका में आए दिन हो रही मॉब फायरिंग की घटनाओं से वहां खुलेआम बंदूक लेकर चलने पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज हो गई है. इसी बीच न्यू यॉर्क स्टेट राइफल एंड पिस्टल एसोसिएशन बनाम ब्रूइन केस पर फैसला सुनाते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जो वाइडन प्रशासन को एक बहुत ही बड़ा झटका दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अमेरिकियों को गन लेकर चलने पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, ना ही इस में कोई शर्त जोड़ी जा सकती है, गन लेकर चलना अमेरिकियों का मौलिक अधिकार है.

अमेरिका में हाल ही में हुई मांस शूटिंग की घटनाओं के चलते गन कंट्रोल की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहा है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सदी से भी अधिक समय पहले बनाए गए न्यूयॉर्क गन  कानून को रद्द कर दिया. उस कानून के तहत लोग घर के बाहर बगैर लाइसेंस हथियार नहीं ले जा सकते थे. यह गन अधिकारों के लिहाज से बड़ी व्यवस्था है. कोर्ट के न्यायाधीशों का फैसला 6-3 के विभाजन के आधार पर आया है. अमेरिका में गन कल्चर का इतिहास करीबन 230 साल पुराना है 1791 में संविधान के दूसरे संशोधन के तहत अमेरिका नागरिकों को हथियार रखने और खरीदने का अधिकार दिया गया. अमेरिका में इस कल्चर की शुरुआत तब हुई थी जब वहां स्थाई सिक्योरिटी फोर्स नहीं थी इसलिए लोगों को अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए हथियार रखने का अधिकार दिया गया था लेकिन अमेरिका का यह कानून आज भी जारी है.

इस फैसले के बाद से लोग न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, तथा बोस्टन समेत अमेरिका के बड़े शहरों के साथ अन्य जगहों की सड़कों पर कानून एंड गन लेकर चल सकेंगे. अमेरिका की एक चौथाई आबादी उन राज्यों में रहती है जहां यह व्यवस्था प्रभावी होगी यह एक दशक से भी अधिक समय में सुप्रीम कोर्ट का gun कल्चर को लेकर पहला निर्णय है.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राष्ट्रपति जो बिडेन बहुत ही नाराज दिख रहे हैं. उनका कहना है कि यह बिना कॉमन सेंस में लिया गया फैसला है. सभी को इस फैसले पर आपत्ति होनी चाहिए, जो बाय डन gun कल्चर को खत्म करना चाहते थे. उनका मत था कि या तो gun कल्चर ख़त्म हो या बंदूक खरीदने की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल कर दी जाए.