ग्रॉस टैक्स कलेक्शन अप्रैल 2021 से मार्च 2022  में 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा। 

देश में कुल टैक्स कलेक्शन बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 34 प्रतिशत उछलकर रिकॉर्ड 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल से कुल कलेक्शन बढ़ा है। इससे कर-जीडीपी अनुपात (Tax-GDP Ratio) 23 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया। राजस्व सचिव  ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कर-जीडीपी अनुपात बढ़कर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह 1999 के बाद सर्वाधिक है। यह अनुपात 2020-21 में 10.3 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि जीडीपी में बदलाव और सरकार के राजस्व में वृद्धि में परिवर्तन (टैक्स बॉयोन्सी) करीब दो रहा है। यानी टैक्स कलेक्शन में वृद्धि बाजार मूल्य पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के मुकाबले दोगुनी रही है।बजाज ने कहा, ‘‘कई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। जीएसटी आंकड़ों का मिलान आयकर आंकड़ों से किया जा रहा है और अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके कारण बेहतर अनुपालन और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों मोर्चों पर बेहतर राजस्व सुनिश्चित हुआ है।’’ उन्होंने कहा किअप्रैल 2021 से मार्च 2022 में 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजट में जताए गए 22.17 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से 5 लाख करोड़ रुपये अधिक है।कुल टैक्स कलेक्शन 2021-22 में इससे पिछले वित्त वर्ष के 20.27 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 34 प्रतिशत अधिक है। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस दौरान 49 प्रतिशत उछलकर 14.10 लाख करोड़ रुपये रहा। प्रत्यक्ष कर के अंतर्गत व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर आता है। बजाज ने कहा कि प्रत्यक्ष कर में यह वृद्धि संभवत: लंबे समय बाद सर्वाधिक है। प्रत्यक्ष कर मद में कंपनी कर 56.1 प्रतिशत बढ़कर 8.58 लाख करोड़ रुपये जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह 43 प्रतिशत बढ़कर करीब 7.49 लाख करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष के दौरान 2.43 इकाइयों को 2.24 लाख करोड़ रुपये आयकर वापस किए गए।उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क समेत इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2021-22 में 20 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा। बजट में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 11.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। अप्रत्यक्ष कर मद में सीमा शुल्क संग्रह 2021-22 में 48 प्रतिशत बढ़कर 1.99 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। वहीं केंद्रीय जीएसटी (माल एवं सेवा कर) और उपकर 30 प्रतिशत बढ़कर 6.95 लाख करोड़ रुपये रहा। उत्पाद शुल्क संग्रह हालांकि 0.2 प्रतिशत घटकर 3.90 लाख करोड़ रुपये रहा। बजाज के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह, अप्रत्यक्ष कर से अधिक रहा है और मुझे उम्मीद है कि यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी।