टोटल एनर्जी अदानी ग्रुप के ग्रीन हाइड्रोजन इंडस्ट्रीज में 25% हिस्सेदारी हासिल करेगी.

फ्रांस की प्रमुख ऊर्जा कंपनी टोटल एनर्जी अदानी ग्रुप के ग्रीन हाइड्रोजन इंडस्ट्रीज में 25% हिस्सेदारी हासिल करेगी. कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. अडानी ग्रुप ने एक बयान में कहा कि उसने संयुक्त रूप से दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम बनाने के लिए फ्रांसीसी फॉर्म के साथ नई साझेदारी करी है. बयान में यह भी कहा गया है कि इस स्ट्रैटेजिक टाइप में टोटल एनर्जी अदानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड में अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड से 25% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी. इसके लिए कंपनी कम से कम 12.5 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी. आपको बता दें कि इस डील की खबर आते ही अडानी इंटरप्राइजेज के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है कंपनी के शेयर बीएसई पर 5.43% की तेजी के साथ 2194 दशमलव ₹40 पर पहुंच गया.

अदानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड का टारगेट अगले 10 वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन और इससे जुड़े इकोसिस्टम में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश करना है. शुरुआती में ANIL साल 2030 से पहले हर साल एक मिलियन टन  ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन कैपेसिटी को विकसित करेगा. ANIL में इस निवेश के साथ अदानी समूह और टोटल ENERGIES के बीच रणनीतिक गठबंधन में अब एलएनजी टर्मिनल गैस उपयोगिता व्यवसाय नव करनी है व्यवसाय और हाइड्रोजन उत्पादन शामिल है.

गौतम अडानी ने कहा अदानी टोटल एनर्जी संबंधों का स्ट्रैटेजिक वैल्यू बिजनेस और महत्वाकांक्षा दोनों स्तरों पर बहुत अधिक है. दुनिया में सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन प्लेयर बनने के हमारे सफर में टोटल एनर्जी इसके साथ पार्टनरशिप कई आयामों को जोड़ती है जिसमें आरएंडी, मार्केट पहुंच और अंतिम उपभोक्ता की समझ शामिल है. या मौलिक रूप से हमें बाजार की मांग को आकार देने की इजाजत देता है यही कारण है कि मैं इस तरह का विशेष महत्व रखने वाले हमारे गठबंधन के निरंतर विस्तार को देखता हूं. दुनिया के सबसे कम खर्चीली इलेक्ट्रॉन के उत्पादन की हमारी क्षमता में हमारा विश्वास ही दुनिया की ही सबसे कम खर्चीली ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने की हमारी क्षमता को संचालित करेगा यह साजिदारी कई रोमांचक डाउनस्ट्रीम रास्ते खोल देगी.

टोटल एनर्जीइज के चेयरमैन और सीईओ पैट्रिक  ने कहा ANIL में टोटल एनर्जी इसका प्रवेश प्रवेश हमारी नव करणी और निम्न कार्बन हाइड्रोजन रणनीति को लागू करने में एक प्रमुख मील का पत्थर है. जहां हम 2030 तक अपनी यूरोपीय रिफाइनरी में उपयोग किए जाने वाले हाइड्रोजन को ना केवल डेकार्बोनाइज करना चाहते हैं, बल्कि मांग को पूरा करने के लिए हरित हाइड्रोजन के बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन को भी अग्रणी बनाना चाहते हैं, इससे इस दशक के अंत तक बाजार में तेजी आएगी.