दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि नाबालिग मुस्लिम लड़की बिना Parents की इजाजत से कर सकती है शादी.

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया एक चौंकाने वाला फैसला, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि नाबालिग मुस्लिम लड़की बिना Parents की इजाजत से कर सकती है शादी. इसका मतलब है मुस्लिम कानून के अनुसार मतलब प्यूबर्टी प्राप्त करने वाली एक नाबालिग लड़की को अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी करने का अधिकार मिल चुका है. भले ही उसकी उम्र 18 वर्ष से कम क्यों ना हो. अब परिजनों से सुरक्षा की मांग को लेकर किशोरी की तरफ से याचिका दायर की गई थी, किशोरी की याचिका को स्वीकार करते हुए जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने मार्च 2022 में मुस्लिम रीति-रिवाजों से शादी करने वाले इस मुस्लिम जोड़े को सुरक्षा प्रदान करी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिम कानून के अनुसार योन आयु यानी Puberty प्राप्त करने वाली एक नाबालिग लड़की को अपने माता-पिता की सहमति के बगैर शादी कर सकती है. जज ने इस केस को पहले के कुछ केसों से अलग बताया. कोर्ट ने कहा कि इस केस में शादी से पहले शारीरिक संबंध नहीं बने हैं. बल्कि याचिकाकर्ताओं ने पहले मुस्लिम कानून के हिसाब से शादी करी. बेंच ने स्पष्ट किया है, कि पोक्सो अधिनियम का उद्देश्य बच्चों की उम्र को सुरक्षित करने के साथ ही सुनिश्चित करना है कि उनके साथ दुर्व्यवहार ना हो.