एकनाथ शिंदे गुड को मिला चुनाव आयोग का साथ. जी हां आपको बता दे, भारत के चुनाव आयोग ने शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है. बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे निकेतन कर दिया गया है. आपको बता दें कि, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि, पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक धनुष और एकनाथ शिंदे द्वारा रखा जाएगा. इसका मतलब हम कह सकते हैं कि, उद्धव ठाकरे को हार का सामना करना पड़ा और उनको अपना शिवसेना का नाम भी गंवाना पड़ा जो उनके पिता ने रखा था. भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है.