बुल्ली ऐप के बाद सुल्ली डील्स में पहली गिरफ्तारी हुई है।

साल की शुरुआत यानी जनवरी 2022 में बुल्ली बाई और पिछले साल 2021 में सुल्ली डील्स नाम से तैयार ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की बिना सहमति के तस्वीरों का इस्तेमाल कर नीलामी की गई। अब इस मामले में जांच तेज हुई है और बुल्ली ऐप के बाद सुल्ली डील्स में पहली गिरफ्तारी हुई है। सुल्ली डील्स ऐप मामले में पहली गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने सुल्ली डील्स ऐप बनाने के आरोप में एक व्यक्ति को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह सुल्ली डील्स ऐप मामले में पहली गिरफ्तारी है। पुलिस के अनुसार, पकड़े गए ओंकारेश्‍वर ठाकुर ने ही सुल्‍ली डील्‍स नाम से ऐप तैयार की थी। सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को बिना उनकी मंजूरी के इस मोबाइल ऐप्लीकेशन (ऐप) पर नीलामी के लिए डाला गया था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसने गिटहब पर कोड डेवलप किया। गिटहब तक समूह के सभी सदस्यों की पहुंच थी। उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर ऐप को साझा किया था। मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को समूह के सदस्यों ने अपलोड किया था। जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी एट द रेट गैंगेसियन हैंडल का उपयोग करके जनवरी 2020 में ट्रेडमहासभा के नाम से ट्विटर पर ग्रुप में शामिल हुआ था।

बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स का कनेक्शन क्या
बुल्ली बाई मोबाइल ऐप्लिकेशन के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक महिला पत्रकार की तस्वीर में छेड़छाड़ कर उसे वेबसाइट पर अपलोड करने के आरोप में एक जनवरी को अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस ने बताया कि असम से गिरफ्तार किया गया नीरज बिश्नोई बुल्ली बाई ऐप का कथित सरगना है और उसने इसे बनाया है। बिश्नोई ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह ट्विटर हैंडल सुल्ली डील्स का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति से भी संपर्क में था, जिसने सुल्ली डील्स ऐप को बनाया था।