बैंक में घुसकर मैनेजर की हत्या करी आतंकवादियों ने कश्मीर  के कुलगाम में

कुलगाम में बैंक में घुसकर मैनेजर की हत्या कर दी आतंकवादियों ने. 72 घंटे में आया यह दूसरा मामला, राजस्थान के रहने वाले थे विजय कुमार. जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग थमने का नाम नहीं ले रही हैं. आतंकवादियों ने अब बैंक में घुसकर मैनेजर को गोली मारने का दुस्साहस भी किया है, मैनेजर विजय कुमार राजस्थान के रहने वाले थे

जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग थमने का नाम नहीं ले रही हैं. आतंकवादियों ने अब बैंक में घुसकर मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी मंगलवार को. विजय कुमार को हमले के बाद अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही जाते हुए उनकी मौत हो गई. मंगलवार को ही आतंकवादियों ने कुलगाम में ही 1 सरकारी स्कूल की टीचर रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी इससे पहले बड़गांव में तहसील परिसर में घुसकर कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या कर दी गई थी उसके बाद से ही कश्मीरी पंडितों का आंदोलन चल रहा है और वे खुद की सुरक्षा तय किए जाने की मांग कर रहे हैं.

बैंक मैनेजर की इस तरह से हत्या होने के बाद कश्मीर घाटी में स्थानीय हिंदू अल्पसंख्यकों और प्रवासी लोगों में डर काफी बढ़ गया है. इस साल की शुरुआत से ही लगातार टारगेट किलिंग के मामले सामने आ रहे हैं बीते 5 महीनों में यह 17 वा मामला है जब इस तरह से किसी आम नागरिक या कर्मचारी की हत्या की गई है. बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हिंदुओं एवं सिखों को सुरक्षित ठिकानों पर पोस्टिंग देने की बात कही थी लेकिन अब इस मामले में चिंताओं को और बढ़ा दिया है दरअसल बैंक के अंदर घुस कर इस तरह की हत्या किए जाने से यह सवाल उठने लगा है कि आखिर प्रवासी और अल्पसंख्यक कहां सुरक्षित हैं.

इस हत्याकांड के बाद से ही जम्मू संभाग में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और लोगों का कहना है कि सरकार को कुछ उपाय करना होगा नहीं तो ऐसे ही लाशें आती रहेंगी. यही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षित पोस्टिंग की बात कर रही है लेकिन कश्मीर में कोई भी स्थान हम लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है जम्मू में सरकारी कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं और मांग कर रहे हैं कि उन्हें उनके जिले में ही पोस्टिंग दी जाए खबरों के अनुसार कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रशासन का कहना है कि कश्मीर के जिला मुख्यालयों में हिंदुओं को पोस्टिंग दी जाएगी लेकिन फिलहाल कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है. हमारी मांग है कि हमें जम्मू संभाग से बाहर ना भेजा जाए और कोशिश की जाएगी गृह जिले में ही तैनात मिले.