भारतीय अर्थव्यवस्था पर इस युद्ध का गहरा असर देखा जा सकता है तेल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर भी असर आएगा

आखिर जिस बात का डर था, वही हुआ. रूस ने आज यूक्रेन के ऊपर सैन्य हमला कर दिया और इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर ऐसा असर हुआ कि बाजार खुलते ही सेंसेक्स 1800 अंक गिर गया. निफ्टी में 500 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. इन सब के दौरान तीसरे विश्व युद्ध की आहट के बीच भारत के लिए भी चिंता के बादल मंडराने लगे हैं. आज शुरुआती खबरों में साफ हुआ कि रूस ने यूक्रेन पर बैलिस्टिक मिसाइल के हमले सहित कई इलाकों पर बम दागे. यूक्रेन ने भी रूसी हमले का जवाब दिया है और दावा किया है कि उसने लुहान्स्क क्षेत्र में रूस के 5 विमानों और एक हेलीकॉप्टर को मार गिराया है. इन सब के बीच तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से ग्लोबल बाजार सहमे हुए हैं और आज सुबह से सभी एशियाई बाजार भी गिरावट के लाल निशान में ही कारोबार कर रहे हैं.भारतीय अर्थव्यवस्था पर इस युद्ध का गहरा असर देखा जा सकता है क्योंकि अगर ये लड़ाई तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ी तो व्यापारिक गतिविधियों पर निगेटिव असर अवश्य आएगा. सबसे पहले कच्चे तेल के दाम जो पहले ही 101 डॉलर प्रति बैरल पर जा चुके हैं, उनमें और आग लग सकती है और भारत के लिए ऐसा होना बेहद नकारात्मक साबित होगा. देश का आयात खर्च बढ़ेगा जिसके चलते व्यापार घाटा भी और ऊपर जाएगा. फिलहाल तो कच्चे तेल के बढ़ते दामों का भार ऑयल एंड गैस मार्केटिंग कंपनियों ने ग्राहकों पर नहीं डाला है लेकिन इसका कारण आंतरिक है. माना जा रहा है कि 10 मार्च के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम में एकमुश्त बड़ी बढ़ोतरी की जाएगीतेल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर भी असर आएगा और इसके चलते खाने-पीने की चीजों जैसे सब्जियों-फल, दालें, तेल आदि सभी महंगे होने के आसार हैं. रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध से भारत में महंगाई बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं. अगर महंगाई बढ़ी तो रिजर्व बैंक के अनुमानित आंकड़ों से ये ऊपर चली जाएगी और फिर देश का केंद्रीय बैंक दरें बढ़ाने पर मजबूर हो जाएगा.कमोडिटी जानकारों का मानना है कि ब्रेंट क्रूड के दाम 105 डॉलर प्रति बैरल पर आसानी से जाने के आसार हैं और इससे देश में इंपोर्ट होने वाला कच्चा तेल महंगे दामों पर आएगा जिसका पूरा असर देश में कई कीमतों के बढ़ने के रूप में देखा जाएगा मेटल सेक्टर पर भी रूस-यूक्रेन की लड़ाई का असर देखा जाएगा और भारत में रूस से होने वाला मेटल एक्सपोर्ट अच्छी संख्या में है. अगर रूस पर और प्रतिबंध लगते हैं और इसमें मेटल इंपोर्ट पर बैन लगा तो भारत के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है. इसके अलावा ऑटो सेक्टर की लागत बढ़ सकती है जिसका असर व्हीकल्स के दाम बढ़ने के रूप में देखा जा सकता है.रूस से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट के आंकड़े देखें तो साल 2021 में भारत ने रूस को कुल 550 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट किया है और 260 करोड़ डॉलर का इंपोर्ट रूस से आया है.