यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े भयानक युद्ध से महौल बद से बदतर होता जा रहा है लोग सबकुछ पीछे छोड़कर भागने को मजबूर हैं

यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच हर पल दर्दनाक मंजर सामने आ रहे हैं। लोग अपना सबकुछ पीछे छोड़कर जान बचाने के लिये भागते नजर आ रहे हैं। जो लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं उनके पास केवल जरूरी दस्तावेज और पालतू पशु ही दिखाई दे रहे हैं। लोगों के पास जरूरी सामान तक अपने साथ लेने की फुर्सत नहीं है। लीना नेस्तेरोवा 24 फरवरी की सुबह 5 बजकर 34 मिनट के उस पल को याद कर सिहर उठती हैं जब यूक्रेन की राजधानी कीव पर पहला हमला हुआ था।नेस्तेरोवा ने बताया कि हमले के बारे में पता चलते ही उन्होंने अपनी बेटी, कुत्ते और सभी दस्तावेजों को उठाया और कुछेक कपड़े पीठ पर लादकर कीव से निकल पड़ीं। ये सबकुछ बयां करते हुए खौफ उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। नेस्तेरोवा ने कहा, ‘हमने अपना सबकुछ वहीं छोड़ दिया। हमारे पास कपड़े नहीं है। हम नहीं जानते कि आगे क्या होगा।’ नेस्तेरोवा की 18 वर्षीय बेटी मार्गो भी रोमानिया के सीमावर्ती सीरेत शहर में इस शरणार्थी शिविर में उनके साथ बैठी हुई है।जिनेवा में स्थित संयुक्त राष्ट्र से संबंधित प्रवास संगठन के अनुसार दस दिन से जारी रूस के हमलों के बाद से अब तक लगभग 14 लाख 50 हजार लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। इनमें से ज्यादातर यूक्रेन के पड़ोसी यूरोपीय देश पोलैंड और अन्य देशों में आए हैं। यूरोपीय यूनिनय ने उन्हें अस्थायी सुरक्षा और आवासीय अनुमति प्रदान की है। संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान जताया है कि यूक्रेन से 40 लाख शरणार्थी दूसरे स्थानों पर जा सकते हैं, जिससे इस सदी का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट खड़ा हो सकता है।