रिलायंस (Reliance) की जामनगर फैसिलिटी (Jamnagar Facility)  फ्यूल के शिपमेंट यूरोप भेज रही है

रूस और यूक्रेन की लड़ाई (Russia Ukraine War) से वैश्विक ऊर्जा संकट (Global Energy Crunch) पैदा हो गया है। इस ऊर्जा संकट में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज बड़ा अवसर देख रही है। दुनियाभर में इस समय एनर्जी की सप्लाई बाधित हो रही है। इस बीच दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स को उसकी मनचाही चीज मिल गई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर फैसिलिटी (RIL’s Jamnagar Facility) डीजल की बढ़ी हुई मांग का फायदा उठाने के लिए मेंटेनेंस को टालकर अपने क्रूड प्रोसेसिंग (Crude Processing) के काम को बढ़ा रही है। मामले से सीधे तौर से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है।जानकारी सार्वजनिक नहीं होने के चलते नाम ना बताने की शर्त पर मामले से जुडे़ व्यक्ति ने बताया कि रिलायंस की जामनगर फैसिलिटी पहले से ही फ्यूल के शिपमेंट यूरोप भेज रही है और यह आने वाले महीनों में बढ़ सकता है। भारत के पश्चिमी तट पर गुजरात में स्थित यह कॉम्प्लेक्स दो रिफाइनरी के जरिए प्रति दिन 13.6 लाख बैरल क्रूड को प्रोसेस कर सकता है। यह कॉम्प्लेक्स अधिकांश फ्यूल निर्यात करने में सक्षम है। अरबपति मुकेश अंबानी के स्वामित्व में 704,000 बैरल प्रति दिन की निर्यात क्षमता वाले प्लांट से महामारी के प्रकोप के बाद पूरी तरह काम नहीं लिया जा रहा था। जनवरी में इसकी क्षमता का करीब 75 फीसद उपयोग किया गया था।इंडस्ट्री कंसल्टेंट एफजीई में साउथ एशिया ऑयल के प्रमुख सेंथली कुमारन ने कहा, ‘रिलांयस के पास क्रूड फीडस्टॉक रेश्यो और यील्ड शिफ्ट्स के मामले में बड़ी लचीलता है और यह अपने उत्पादन का 80 फीसद निर्यात करता है।’ यह इसे स्ट्रांग मार्जिन के समय में मजबूत फायदा पहुंचाता है। रूस-यूक्रेन संकट के बाद यूरोप में ईंधन की कीमतें आसमान पर पहुंच चुकी हैं। ऐसे में कुछ एशियन रिफायनरीज विदेशों में डीजल भेजना चाह रही हैं। रिलायंस जैसे कुछ प्रोसेसर्स इस तथाकथित मध्यस्थता कारोबार का फायदा उठाने के लिए उपयुक्त स्थिति में हैं