श्रीलंका इतिहास में पहली बार डिफॉल्टर साबित हो गया है

श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बांड, वाणिज्यिक बैंक ऋण, एग्जिम बैंक कर्ज और द्विपक्षीय कर्ज का भुगतान पहले ही निलंबित कर दिया है। देश को इस वर्ष 10.634 करोड़ डॉलर का भुगतान करना है लेकिन अप्रैल तक वह केवल 1.24 करोड़ डॉलर का ही भुगतान कर पाया। श्रीलंका ने देश के इतिहास में पहली बार अपने कर्ज में चूक कर दी है और वह डिफॉल्टर साबित हो गया है। न्यूयॉर्क की रेटिंग एजेंसी फिच ने श्रीलंका की सॉवरेन रेटिंग को घटाकर ‘रेस्ट्रिक्टेड डिफॉल्ट’ श्रेणी में कर दी है। यानी देश चूक की कगार पर है। दरअसल देश 30 दिन की रियायत अवधि के बाद भी अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बांड का भुगतान करने में नाकाम रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में इसका दावा किया गया है।इससे पहले केंद्रीय बैंक के गवर्नर पी नंदलाल वीरसिंघे ने गुरुवार को यह स्वीकार किया था कि श्रीलंका अपने कर्ज का भुगतान इनका पुनर्गठन होने तक नहीं कर सकेगा। बांड का भुगतान 18 अप्रैल तक देय था और इनकी राशि 7.8 करोड़ डॉलर है। इसके भुगतान के लिए 30 दिन की रियायत अवधि भी बुधवार को खत्म हो चुकी है। इससे पहले, 12 अप्रैल को फिच ने श्रीलंका की रेटिंग घटाकर ‘सी’ कर दी थी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि श्रीलंका की विदेशी मुद्रा मुद्दे से संबंधित रेटिंग को ‘सी’ से घटाकर ‘डी’ कर दिया है। ऐसा वरिष्ठ असुरक्षित विदेशी मुद्रा बांड के मामले में चूक को देखते हुए किया गया है