सुप्रीम कोर्ट ने पोस्‍ट-ग्रैजुएट मेडिकल एडमिशन में OBC और EWS आरक्षण को बरकरार रखने का फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने स्नातकोत्तर मेडिकल एडमिशन (PG Admission) में EWS और OBC आरक्षण को बरकरार रखा है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि उसने OBC की वैधता बरकरार रखी है। EWS में भी वर्तमान क्राइटेरिया बरकरार रखा गया है ताकि इस अकादमिक सत्र के लिए एडमिशंस में दिक्‍कत न आए। अदालत ने कहा कि वह पांडेय समिति की सिफारिशों को अगले साल से लागू करने को मंजूरी देती है। बेंच ने मार्च के तीसरे हफ्ते में याचिका पर अंतिम सुनवाई करने का फैसला किया। तब पांडेय समिति की ओर से द‍िए गए EWS क्राइ‍टेरिया की वैधता तय की जाएगी।

अदालत ने मामले में पक्षों को सुनने के बाद गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा सीटों में EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती दी गई थी। NEET के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों में से MBBS में 15 प्रतिशत सीटें और MS और MD पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटा के माध्यम से भरी जाती हैं।

केंद्र ने मांगी थी काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत
गुरुवार को सुनवाई के दौरान केद्र सरकार ने कहा कि काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दी जाए। वहीं, याचिकाकर्ताओं ने कोटे का विरोध किया। याचिकाकर्ता ने ईडब्ल्यूएस कैटिगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया का विरोध किया और कहा कि वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की लिमिट तय की जा सकती है।