स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए दलित विरोधी बताया है

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए दलित विरोधी बताया है. सपा ने इस बयान से पीछा छुड़ाने के बजाय फिलहाल खामोशी थमी हुई है. वह पिछड़ी और दलित समाज की प्रतिक्रिया को देखना भी जाती है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा धर्म कोई भी हो हम उसका सम्मान करते हैं. लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष वर्ग विशेष को अपमानित करने का काम किया जा गया है. हम उस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं. रामचरितमानस में एक चौपाई लिखी है जिसमें तुलसीदास शब्दों को अदम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. उन्होंने कहा ब्राह्मण भले ही दुराचारी अनपढ़ और गवार हो लेकिन वह ब्राह्मण है. तो उसे पूजनीय बताया गया है लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी विद्वान हो उसका सम्मान मत करिए उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही धर्म है.