सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्राइवेट अस्पतालों के जरिए वसूले जाने वाले मनमानी पैसे को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. अदालत ने 14 साल पुराने कानून क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट नियमों को लागू करने में केंद्र की असमर्थता को लेकर कड़ी आपत्ति जताई. नियमों के तहत राज्यों से सलाह के बाद महानगरों, शहरों और में बीमारियों के इलाज और उपचार के लिए एक स्टैंडर्ड रेट का नोटिफिकेशन जारी करना अनिवार्य है.सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा अगर केंद्र सरकार इस समस्या का समाधान ढूंढने में असफल होती है तो हम देश भर में मरीजों के इलाज के लिए सीजीएस निर्धारित स्टैंडर्ड ग्रेड लागू करने के लिए की याचिका पर विचार करेंगे.