रिलायंस रिटेल के हाथों अधिग्रहण संबंधी 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को बहुमत से खारिज कर दिया है

फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के सुरक्षित कर्जदाताओं ने कंपनी के रिलायंस रिटेल के हाथों अधिग्रहण संबंधी 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को बहुमत से खारिज कर दिया है।एफआरएल ने शुक्रवार शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसे सुरक्षित ऋण देने वाले कर्जदाताओं ने 69.29 फीसदी के बहुमत से रिलायंस रिटेल के साथ हुए करार पर असहमति जताई है। इस करार की मंजूरी के लिए रखे गए प्रस्ताव को सिर्फ 30.71 फीसदी कर्जदाताओं की ही मंजूरी मिल पाई।इसके पहले एफआरएल और रिलायंस रिटेल के बीच हुए सौदे को 75 फीसदी से अधिक शेयरधारकों एवं असुरक्षित ऋणदाताओं का समर्थन मिल चुका है। कंपनी के 85.94 फीसदी शेयरधारकों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है जबकि असुरक्षित ऋणदाताओं में से 78.22 फीसदी का समर्थन इसे मिला है।लेकिन इस प्रस्ताव को सुरक्षित ऋणदाताओं में से न्यूनतम 75 फीसदी का जरूरी समर्थन नहीं मिल पाया है। सुरक्षित ऋणदाताओं को कर्ज लेने वाली कंपनी से जमानत दी जाती है और किसी भी बकाये के भुगतान के समय असुरक्षित ऋणदाताओं पर उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।किशोर बियाणी की अगुवाई वाले समूह की एक अन्य कंपनी फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन लिमिटेड ने बताया कि उसके 82.75 फीसदी सुरक्षित कर्जदाताओं ने भी इस सौदे के खिलाफ मत दिया है। हालांकि शेयरधारकों एवं असुरक्षित लेनदारों का बहुमत इसके समर्थन में रहा है।फ्यूचर समूह की कई कंपनियों ने इस हफ्ते अपने शेयरधारकों, सुरक्षित एवं असुरक्षित कर्जदाताओं की बैठकें बुलाई थी जिसमें रिलायंस रिटेल के साथ विलय संबंधी सौदे पर मुहर लगाने का प्रस्ताव रखा गया था।फ्यूचर समूह ने अगस्त 2020 में इस सौदे की घोषणा करते हुए कहा था कि खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक एवं भंडारण क्षेत्र में सक्रिय उसकी 19 कंपनियों को रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के हाथों बेचा जाएगा।अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इस सौदे का लगातार विरोध करती रही है। उसका कहना है कि यह सौदा वर्ष 2019 में उसके साथ हुए फ्यूचर के 1,500 करोड़ रुपये के निवेश समझौते का उल्लंघन है।