बेजोस की कंपनी ऐमजॉन (Amazon)रिलायंस कोकोर्ट में घसीटने की तैयारी में है।

जेफ बेजोस (Jeff Bezos) और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के बीच अब सीधी टक्कर हो सकती है। अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने खस्ताहाल हो चुके फ्यूचर ग्रुप (Future Group) के रिटेल बिजनस को खरीदने के लिए की गई डील से किनारा कर लिया है। लेकिन इससे पहले ही वह करीब बिग बाजार (Big Bazaar) 950 स्टोर्स पर कब्जा कर चुकी थी। मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेजोस की कंपनी ऐमजॉन (Amazon) किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप (Future Group) साथ चल रही कानूनी लड़ाई में अब रिलायंस को भी पार्टी बनाने पर विचार कर रही है।ऐमजॉन का मानना है कि रिलायंस ने फ्यूचर रिटेल को बंद करने के लिए यह कदम उठाया है। साथ ही कंपनी बैंकों को बकाया भी नहीं देना चाहती है। बिग बाजार स्टोर्स के हाथ से निकल जाने से फ्यूचर रिटेल की वित्तीय स्थिति बुरी तरह गड़बड़ा गई है। उनका कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने भी पिछले हफ्ते ऐमजॉन और फ्यूचर के वकीलों से पूछा था कि इस मामले में रिलायंस को पार्टी क्यों नहीं बनाया जा सकता है। एक सूत्र ने कहा कि इस मामले में रिलायंस को पार्टी बनाया जा सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट में अगले हफ्ते मामले की सुनवाई होगी।फ्यूचर रिटेल के लिए बिग बाजार आय का प्रमुख स्रोत है। बिग बाजार के एसेट्स पर पहला अधिकार फ्यूचर ग्रुप को कर्ज देने वाले 28 बैंकों का है। एक सूत्र ने कहा कि रिलायंस के बिग बाजार स्टोर्स पर कब्जा करने के बाद फ्यूचर रिटेल की स्थिति और बदतर हो गई है। कंपनी के पास बैंकों के बकाये का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं। ऐमजॉन का कहना है कि वह अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिग बाजार के सामान को नहीं बेच पा रही है। फ्यूचर रिटेल की वैल्यू इतनी गिर गई है कि उसके लिए खरीदार खोजना मुश्किल है।ऐमजॉन ने कोर्ट से मांग की है कि फ्यूचर रिटेल के बिग बाजार स्टोर्स का मालिकाना हक बहाल किया जाए ताकि कंपनी अपना कारोबार कर सके, बैंकों का भुगतान कर सके और अपने लिए कोई उपयुक्त खरीदार खोज सके। सूत्र ने कहा कि ऐमजॉन इस मामले में रिलायंस को एक पार्टी बनाना चाहती है। इस बारे में ऐमजॉन, फ्यूचर, रिलायंस और फ्यूचर को लोन देने वाले टॉप बैंकों ने उन्हें भेजे गए ईमेल का कोई जबाव नहीं दिया।