मीर वानखेड़े का ट्रांसफर हुआ अब डीआरआई विभाग में

मुंबई एनसीबी (Mumbai NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का ट्रांसफर (Sameer Wankhede transferred) हो गया है. मुंबई एनसीबी में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था. अब उन्हें डीआरआई (Directorate of Revenue Intelligence-DRI) विभाग में भेज दिया गया है. मुंबई एनसीबी में जोनल डायरेक्टर पद पर आने से पहले समीर वानखेड़े इसी विभाग में थे. डीआरआई विभाग से ही उन्हें मुंबई एनसीबी में लाकर जोनल डायरेक्टर बनाया गया था. अब उन्हें फिर से डीआरआई में भेज दिया गया है.

मुंबई एनसीबी में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था. लेकिन उन्हें मुंबई एनसीबी से बदली की जाए या एनसीबी में ही एक्सटेंशन दिया जाए, इस बात को लेकर निर्णय में देरी हो रही थी. इस सवाल को महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने उठाया था. उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेता द्वारा समीर वानखेड़े के लिए दिल्ली में जाकर लॉबिंग की जा रही है. उन्हें मुंबई एनसीबी में बनाए रखने की कोशिश की जा रही है. इसीलिए उनको लेकर निर्णय में देरी हो रही है. एक दिन पहले उनके द्वारा उठाए गए सवाल के बाद आज उनके ट्रांसफर की खबर सामने आ गई.जवाब में बीजेपी नेता और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने कहा था कि बीजेपी अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं करती है, नवाब मलिक अपनी पार्टी के नेताओं के बारे में बोले, दूसरी पार्टियों के नेताओं पर अपनी ज़बान नहीं चलाएं. उन्होंने यह भी कहा था कि नवाब मलिक की हर बात का जवाब देना जरूरी नहीं है.’

मीर वानखेड़े मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज में 2 अक्टूबर की रात छापेमारी कर आर्यन खान को ड्रग्स केस (Aryan Khan Drug Case) में गिरफ्तार कर चर्चित हुए थे. नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि उन्होंने यह छापेमारी शाहरुख खान (SRK) को टारगेट करने के लिए की है. असली ड्रग्स माफिया काशिफ खान है जो वहां ड्रग्स बेच कर चला गया और आर्यन खान के पास से ड्रग्स बरामद नहीं होने पर भी उन्हें गिरफ्तार किया गया. नवाब मलिक ने तो यहां तक दावा किया था कि क्रूज में छापेमारी हुई ही नहीं. आर्यन खान सहित जिन लोगों को अरेस्ट किया गया उन्हें मुंबई के एनसीबी ऑफिस में लाकर रेड का नाटक किया गया. इसमें समीर वानखेड़े की प्राइवेट आर्मी उनका सहयोग कर रही थी. इस प्राइवेट आर्मी में किरण गोसावी, सैम डिसूजा, मनीष भानुशाली जैसे लोग थे जो इसी तरह ड्रग्स मामले में बड़े लोगों को फंसा कर वसूली का धंधा चलाते हैं.