अनिल अंबानी (Anil Ambani) को तगड़ा झटका लगा है। देश की सबसे बड़ी कंपनी उनके हाथ से निकल गई है

कभी देश के तीसरे सबसे अमीर शख्स रहे अनिल अंबानी (Anil Ambani) को तगड़ा झटका लगा है। देश की सबसे बड़ी प्राइवेट शिपयार्ड बिल्डिंग कंपनी रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) उनके हाथ से निकल गई है। अनिल अंबानी अपनी इस कंपनी को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे थे और इसके लिए उन्होंने आखिरी क्षणों में रिजॉल्यूशन प्लान भी सौंपा था। लेकिन इसे लेंडर्स ने खारिज कर दिया है।बिजनस टुडे टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि निखिल मर्चेंट की अगुवाई वाले Hazel Mercantile-Swan Energy कंसोर्टियम ने रिलायंस नेवल की रेस जीत ली है। गुरुवार देर शाम करीब 95 फीसदी लेंडर्स ने इस कंसोर्टियम के पक्ष में वोट दिया। कंपनी के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल जल्दी ही इसके लिए एनसीएलटी से मंजूरी लेंगे। उसके बाद इस दिवालिया कंपनी को इस कंसोर्टियम को सौंप दिया जाएगा।रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) ने शुक्रवार को अपना रिजॉल्यूशन प्लान सौंपा था लेकिन सूत्रों के मुताबिक कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया। इसके साथ ही 26 महीने से चली आ रही इस कंपनी की रिजॉल्यूशन प्रोसेस का एक चैप्टर बंद हो गया। इस कंपनी पर एसबीआई और यूनियन बैंक सहित अन्य बैंकों का 12,429 करोड़ रुपये का बकाया था।इस कंपनी को खरीदने के लिए Hazel Mercantile ने Swan Energy के साथ मिलकर और नवीन जिंदल की Jindal Steel & Power Ltd ने बोली लगाई थी। Groupe Veritas की कंपनी Hazel Mercantile ने लेंडर्स को 2,040 करोड़ रुपये की पेशकश की है। इसमें से 1,640 करोड़ रुपये अगले पांच साल में दिए जाएंगे और बाकी राशि का भुगतान कुछ बकाये की वसूली के बाद होगा। JSPL ने 2,210 करोड़ रुपये की पेशकश की है। इसमें से 850 करोड़ रुपये अगले पांच साल में दिए जाएंगे जबकि बाकी राशि कुछ वसूली के बाद होगी।