समलैंगिक शादियों को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया

समलैंगिक जोड़ों के साथ भेदभाव ना हो, सरकार इसके लिए कमेटी बनाया, ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा. Same Sex मैरिज पर फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भट्ट ने कहा की शादी करने से रोकने का किसी को किसी के पास कोई हक नहीं है ना अधिकार है. लेकिन ऐसी शादियां को कानूनी दर्जा संसद के बने कानून से ही दिया जा सकता है. न्यायालय के निर्देशों के अनुसार केंद्र सरकार को एक कमेटी का गठन करना होगा. ताकि LGBTQ समुदाय के लोगों के अधिकारों की रक्षा हो सके उन्होंने आगे कहा समलैंगिक संबंधों में ट्रांजेक्चुअल व्यक्तियों को भी शादी करने का अधिकार है. समलैंगिक शादियों को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह VIDHEYAK का अधिकार क्षेत्र है, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीट ने 3-2 से यह फैसला सुनाया. अविवाहित जोड़े सहित समलैंगिक जोड़े संयुक्त रूप से एक बच्चे को गोद ले सकते हैं, ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा.