भारत ने 40 हजार मीट्रिक टन डीज़ल कोलंबो पहुंचाया है

भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सियासी संकट चल रहा है तो दूसरे करीब देश श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराया हुआ है. सड़कों पर फूटती लोगों की नाराज़गी के मद्देनजर श्रीलंका सरकार ने आपातकाल लगा दिया. इस बीच भारत ने जहां 40 हजार मीट्रिक टन डीज़ल कोलंबो पहुंचाया है. वहीं अतिरिक्त 20 हजार टन तेल जल्द उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी गई है.उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इंडियन ऑइल कोर्पोरेशन को श्रीलंका के लिए भंडार से अतिरिक्त तेल मुहैया कराने के लिए कहा गया है. आईओसी के सहयोग से बनी आईओसीपीसीएल ने एक दिन पहले की सीलोन इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड को 6 हजार मीट्रिक टन तेल के साथ टैंकर भेजे थे. श्रीलंका में पैट्रोल-डीजल की भीषण किल्लत है. साथ ही तेल की यही किल्लत श्रीलंका के बिजली संकट के लिए भी जिम्मेदार है क्योंकि इस द्वीप देश में बिजली उत्पादन का 10 प्रतिशत उत्पादन तेल से चलने वाले पावर प्लांट से होता है. वहीं कोयले की आपूर्ति में आई किल्लतों ने भी बिजली उत्पादन का गणित गड़बड़ाया.जानकारों का मानना है कि अगर फौरन संभाला नहीं गया तो श्रीलंका के हालात आने वाले दिन में और अधिक खराब होने की आशंका है. एक डॉलर की कीमत अब तक के न्यूनतम स्तर यानि 297.99 रुपये पर पहुंच गई है. जाहिर है, ऐसे में भारत की चिंताएं स्वाभाविक हैं क्योंकि तमिल बहुल इलाकों से लोगों के पलायन कर तमिलनाडु के इलाकों में आने का सिलसिला शुरु हो चुका है.मौजूदा संकट की मार से परेशान सड़कों पर उतर रहे हैं. ऐसे में तनाव इतना ज्यादा बढ़ गया है कि शनिवार शाम से 36 घंटों के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है. लोगों की भीड़ के कोलंबों में राष्ट्रपति भवन के बाहर प्रदर्शन के बाद आपातकाल लगाने की शुक्रवार रात घोषणा कर दी गई थी. इस बीच अफवाहें भी जोरों पर चल रही हैं जिसमें भारत की तरफ से सेना भेजे जाने की अफवाह भी उड़ाई गई. हालांकि कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने कुछ समाचार माध्यमों में इस बाबत आई खबरों को सिरे से खारिज किया. भारतीय उच्चायोग ने स्पष्ट किया कि इस तरह की बातें पूरी तरह बेबुनियाद हैं.

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