DGGI ने 177 करोड़ की रकम को माना कारोबार का टर्नओवर

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की टीम ने बीते 22 दिसंबर (बुधवार) को शिखर पान मसाला और ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन के ठिकानों पर छापेमारी की थी। शिखर पान मसाला और ट्रांसपोर्टर के यहां से मिले दस्तावेजों के आधार पर डीजीजीआई की टीम ने पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित बंगले पर छापेमारी की, जहां से बेहिसाब कैश बरामद हुआ था।
इत्र कारोबारी ने पीयूष जैन ने डीजीजीआई के अधिकारियों को बताया कि आंनदपुरी स्थित आवास से जितना भी कैश मिला है। उसने चार से पांच साल में कंपाउंड बेच कर कमाया है। लेकिन इस रकम का टैक्स अदा नहीं किया है। डीजीजीआई की टीम ने पीयूष के बयान को आधार बनाकर कर चोरी का मामला बनाकर कोर्ट में पेश कर दिया। इसमें 31.50 करोड़ की कर चोरी मानी गई है। इसकी पेनाल्टी और ब्याज लगाकर लगभग 52 करोड़ की रकम बनती है।जानकारों का मानना है कि डीजीजीआई को 177 करोड़ की बरामदगी मामले में आयकर विभाग की टीम को कार्रवाई और सीज करने के लिए बुलाना चाहिए। इससे यह ब्लैक मनी का मामला बनता। इसके साथ ही बरामद की गई पूरी रकम पर टैक्स, पेनाल्टी और ब्याज लगना चाहिए था। फिलहाल इस स्थिति में पीयूष जैन आसानी से बाहर आ जाएगा।