Mahindra group अपने ऑटोमोबाइल कारोबार को तीन यूनिट में बांटने जा रहा है

 भारत का दिग्गज कारोबारी समूह महिंद्रा ग्रुप अपने फ्लेगशिप ऑटोमोबाइल बिजनेस को रिस्ट्रक्चर करने की कोशिश में जुटा है. महिंद्रा ग्रुप के रेवेन्यू का 55% ऑटोमोबाइल बिजनेस से आता है.Mahindra group अपने ऑटोमोबाइल कारोबार को तीन यूनिट में बांटने जा रहा है. महिंद्रा ग्रुप के ऑटोमोबाइल बिजनेस डिस्ट्रक्चरिंग की यह कवायद अभी शुरुआती स्टेज में है. Mahindra group के प्लान के मुताबिक इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए अलग यूनिट होगी, ट्रैक्टर बिजनेस के लिए यूनिट जबकि पैसेंजर व्हीकल के लिए अलग यूनिट हो सकती है.महिंद्रा ग्रुप रिस्ट्र्क्चरिंग प्रोसेस के जरिए इन तीनों कारोबार को अलग अलग करने जा रहा है. इस योजना से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है. इस समय महिंद्रा ग्रुप के यह तीनों बिजनेस अलग-अलग डिवीजन के रूप में काम करते हैं.Mahindra ग्रुप का इलेक्ट्रिक व्हीकल बिजनेस यूनियन इटालियन डिजाइन हाउस ऑटोमोबिली पिनिनफरीना के साथ मिलकर एक अलग कंपनी की शक्ल ले सकता है. महिंद्रा ग्रुप इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए फंड जुटाने पर भी विचार कर रहा है.महिंद्रा ग्रुप का फार्म इक्विपमेंट और ट्रैक्टर डिवीजन एक अलग कंपनी की शक्ल ले सकता है. महिंद्रा ने साल 2007 में पंजाब ट्रैक्टर्स का अधिग्रहण किया था, इसके बाद महिंद्रा का ट्रैक्टर डिवीजन देश का सबसे बड़ा ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरर बन गया है. इसकी बाजार में हिस्सेदारी 43% है. महिंद्रा के ऑटोमोबाइल बिजनेस में ट्रैक्टर डिवीजन सबसे अधिक कमाई करने वाली यूनिट है.पर्सनल व्हीकल बिजनेस में महिंद्रा स्कार्पियो, एक्सयूवी, थार और बलेरो जैसी कार बेचती है. यह महिंद्रा ग्रुप से अलग होकर बनने वाली तीसरी कंपनी हो सकती है. तीनों कारोबार को अलग करने के हिसाब से महिंद्रा ग्रुप अभी हर कारोबार की वैल्यू लगाने में जुटा हुआ है. इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा है कि Mahindra ग्रुप ने इसके लिए दो ग्लोबल कंसलटिंग एंड इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फॉर्म को चुना है जिसके साथ काम किया जा रहा है.